लखनऊ: शिया समुदाय के पहले इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम की याद में निकाला गया ताबूत का जुलूस । ग़मगीन माहौल में अपने रिवायती अंदाज में निकाला गया जुलूस । 21वी रमज़ान को हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत पर निकाला जुलूस । रुस्तम नगर स्थित रौज़ा-ए-नजफ़ से शान ओ शौकत के साथ निकाला गया ताबूत। या अली मौला, हैदर मौला सदाओं से गूँजा पुराना लखनऊ । कोविड-19 के चलते दो साल नहीं उठ पाया हज़रत अली अस का ताबूत। हसन मिर्जा का 152 साल पुराना है यह ताबूत। जुलूस में लाखों की संख्या में शिया समुदाय के साथ हर धर्म के लोगो ने की शिरकत। जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाओ और बच्चों ने शिरकत कर दिया पुरसा । यह जुलूस सादतगंज स्थित रुस्तम नगर नजफ़ से उठकर काज़मैन, गिरधारा सिंह स्कूल, मंसूर नगर चौराहां, बल्लौचपूरा चौराहा, बाजारखाला, एवरेडी चौराहा होते हुए तालकटोरा कर्बला पहुँच कर संपन्न हुआ। जुलूस के मद्देनज़र प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये और चप्पे चप्पे पर पैनी नज़र रखी। शासन, प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर रहे मौजूद।
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