देहरादून: इस्कॉन (ISKCON) भगवद गीता पाठशाला द्वारा तीन दिवसीय होली महोत्सव कार्यक्रम का समापन सैकड़ों दर्शकों की उपस्थिति में किया गया इस कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से अमोघ लीला दास प्रभु जी इस्कॉन (ISKCON) द्वारका से देहरादून आए थे अमोघ लीला प्रभु जी विश्व विख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक है जिनके प्रशंसकों की संख्या लाखों में है । कार्यक्रम का शुभारंभ शुभारंभ विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप दीप प्रज्ज्वलन से हुआ इसके पश्चात सर्वप्रथम एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें इस्कॉन देहरादून की विभिन्न वर्ग की बालिकाओं ने अत्यंत सुंदर प्रस्तुति दी। इसके पश्चात नाटक के माध्यम से भगवत गीता की शिक्षाओं का मंचन किया गया जिसे दर्शकों ने बहुत सराहा । इसके पश्चात अवसर आया बहुप्रतीक्षित सत्र का जो श्रीमान अमोघ लीला दास प्रभु जी द्वारा लिया गया । अमोघ दास प्रभु जी विशेष रूप से इस कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए इस्कॉन दिल्ली से आए हुए थे उन्होंने प्रसन्नता कैसे प्राप्त करें इस विषय पर विशाल जनसभा को संबोधित किया जन समूह में विभिन्न आयु वर्ग के महिला एवं पुरुष उपस्थित थे उनके संबोधन को सभी ने अत्यंत उत्साह पूर्वक सुना उनके संबोधन से विशाल जनसमूह मंत्रमुग्ध हो गया । लगभग डेढ़ घंटे के सत्र में उन्होंने जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को छुआ इसके पश्चात उन्होंने अनेक प्रश्नों के उत्तर दिए
कार्यक्रम के अगले सत्र में भगवद गीता पाठशाला ओल्ड सर्वे रोड देहरादून के द्वारा नियमित रूप से कराए जाने वाले *लिव गीता गिव गीता * पाठ्यक्रम को पूर्ण करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र अमोघ लीला दास प्रभु जी एवं
बिरला, अनिल माटा, दीपेश त्रिपाठी, एकता त्रिपाठी जी आदि।
इसके पश्चात अमोघ लीला दास प्रभु जी के द्वारा भगवान कृष्ण के भजनों पर रॉक प्रस्तुति दी गई जिसने उपस्थित विशाल जनसमूह को थिरकने पर मजबूर कर दिया कार्यक्रम का संचालन इस्कॉन भगवद गीता पाठशाला देहरादून के संचालक परम करूणा माधव दास जी के द्वारा किया गया उन्होंने बताया कि इस्काॅन भगवद गीता पाठशाला के द्वारा नियमित रूप से लर्न गीता लिव गीता कार्यक्रम का संचालन किया जाता है जो पूरी तरह निशुल्क है तथा इसके लिए मंदिर में आकर पंजीकरण कराया जा सकता है पाठ्यक्रम को पूरा करने के पश्चात प्रमाण पत्र भी दिया जाता है । इस अवसर पर इस्कॉन
मुख्य अतिथियों के द्वारा प्रदान किए गए । इस अवसर पर अनेक विशिष्ट जन उपस्थित रहे जिसमें सुशील बत्रा, शरदमंदिर के अनेक वैष्णव भक्त उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम के अंत में सभी को प्रसादम भोजन प्रसादम वितरित किया या ।